Sadavatsle Matribhumi
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सदा वत्सले मातृभूमे ! पतत्वेष कायः त्वदर्थे !!
हे वत्सलमयी मातृभूमे ! तुम्हें नमस्कार करता हूँ। यह शरीर तुम्हारे निमित्त अर्पित है।
। यह तो स्पष्ट हो चुका है कि हिंदू संस्कृति, हिंदू मान्यताओं तथा भारतीय ज्ञान-विज्ञान को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए अंग्रेजों ने षड्यंत्र रचे । अंग्रेजों ने देखा था कि एक हज़ार साल तक गुलाम रहते हुए भी हिंदू ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने का प्रयास नहीं छोड़ा। अंग्रेजों के काल में तो आंदोलन अति उग्र हो गया था। यहाँ तक कि आंदोलन इंग्लैंड की भूमि तक पहुँच गया था।
यह इस कारण संभव हुआ क्योंकि हिंदुओं का अपनी संस्कृति, धर्म तथा ज्ञान-विज्ञान की श्रेष्ठता पर विश्वास स्थिर था । अंग्रेजों ने अनुभव किया कि हिंदुओं के मन से यह श्रेष्ठता समाप्त किए बिना आंदोलन दबाया नहीं जा सकता ।
अंग्रेजों द्वारा सबसे विनाशकारी षड्यंत्र था कांग्रेस की स्थापना । कांग्रेस की सदस्यता के लिए एक शर्त यह रखी गई थी कि वह अंग्रेजी शिक्षित होना चाहिए। और अंग्रेजी शिक्षा का उद्देश्य था हिंदुओं को अपने धर्म से विमुख करना ।
अंग्रेजी शिक्षा के विषय में, भारत में अंग्रेजी शिक्षा आरंभ करनेवाले मैकॉले ने अपने पिता को लिखे एक पत्र में कहा था – अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं जो सत्य हृदय से अपने मज़हब पर आरूढ़ हो ।
कांग्रेस के संस्थापक ह्यूम का आशय यह था कि हिंदुस्तान की राजनीति की बागडोर उन लोगों के हाथ में हो, जो यदि भारत को स्वतंत्रता देनी पड़े, तो हिंदू संस्कृति, हिंदू मान्यताओं तथा ज्ञान-विज्ञान को भ्रष्ट करते रहें ।
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