Dar Dar ki thokre aur gar wapasi
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(इस्लाम मत अपनाने वाली दर्जनों युवतियों की दर्दनाक कथा एवं वैदिक धर्म अंगीकार करने वाली 51 युवतियों के सफल दांपत्य की सचित्र एवं प्रामाणिक सुखद दास्तान)
वेद सृष्टि का संविधान और परमात्मा की पवित्र वाणी हैं । वेदों का संबंध किसी जाति-मत या संप्रदाय से नहीं है। वेद पढ़ने-पढ़ाने और सुनने-सुनाने का अधिकार हर किसी को है । एक ओर जहाँ बाइबिल कहती है सारी दुनिया को इसाई बनाओ, वहीं दूसरी ओर कुरान कहती है कि सारी दुनिया को मुसलमान बनाओ, लेकिन वेद ही ऐसे एकमात्र जनकल्याण के ग्रंथ हैं, जो कहते हैं कि सारी दुनिया को मनुष्य बनाओ।
वेदों ने समय-समय पर ऐसे बहुत से लोगों को प्रभावित
किया है, जिनका जन्म से वैदिक संस्कृति से कतई संबंध नहीं रहा, लेकिन एक बार वेदों की वाणी उनके कानों ने सुनीं तो फिर वेदों के संदेश में रमकर वेदमय ही हो गए। इस पुस्तक में ऐसी ही 51 युवतियों की सच्ची दास्तान हैं, जो जन्म से या तो मुस्लिम थी या
फिर इसाई, लेकिन वेदों का अमृत चखकर वैदिक संस्कृति के रंग में ही रंग गई । इसी के साथ इस्लाम अपनाने वाली कुछ युवतियों की दर्दनाक पीड़ाएँ भी इसमें हैं। इस पुस्तक की खास बात यह है कि ये सभी पूर्णतः प्रामाणिक एवं सचित्र हैं और ये प्रसंग किसी न किसी अखबार में प्रकाशित भी हो चुके हैं । आशा है पाठकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए अनुसंधान के आधार पर तैयार यह पुस्तक बेहद उपयोगी साबित होगी ।
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