Jindagi Ka Safar Part 1 | Laddakh Se Dilli by Balraj Madhok | Spiral Binding
₹300.00
Please fill in the fields below with the shipping destination details in order to calculate the shipping cost.
नोट:- यह पुस्तक Spiral Binding में Photocopy करवा कर ही भेजी जा सकती है क्योंकि अब यह out of print हो चुकी है और लेखक के वारिस ने इसे अभी तत्पुकाल पुनः प्रकाशित कराने से इंकार कर दिया है. अतः सिर्फ विशेष अनुरोध पर इस पुस्तक की फोटोकॉपी ही spiral binding करवा कर भेजी जा सकती है। पुस्तक की गुणवत्ता ठीक और पढने योग्य है, आप इस पर विश्वास कर सकते है। ‘ज़िन्दगी का सफर’ का प्रथम भाग मेरे संघर्षमय जीवन के प्रथम तीस वर्ष का वृत्तान्त है। पाठकों ने इसे बहुत पसन्द किया और समालोचकों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। कुछ ने इसे कश्मीर समस्या की पृष्ठभूमि कहा और कुछ ने इसके वि का अति सजीव चित्रण माना। इसकी रोचक शैली की सभी ने सराहना की है। यह संस्करण बहुत जल्दी समाप्त हो गया; परन्तु, क्योंकि मैं अपनी आत्मकथा का द्वितीय भाग शीघ्र नहीं लिख पाया, इस कारण प्रथम भाग के द्वितीय संस्करण के पुनर्मुद्रण में विलम्ब होता गया। अब ‘हिन्दी साहित्य सदन’ के सौजन्य से प्रथम भाग का द्वितीय संस्करण और द्वितीय भाग एक-साथ, प्रकाशित हो रहे हैं। मुझे आशा है कि पाठकों को दोनों भाग एक-साथ पढ़ने से देश-विभाजन के अभिशाप और इसके जम्मू-कश्मीर राज्य पर प्रभाव का ज्ञान होगा। साथ ही, कश्मीर की रक्षा और इसे खण्डित भारत में मिलाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की और मेरी भूमिका तथा शेख अब्दुल्ला के कुत्सित इरादों और पं० नेहरू की भूलों के सन्दर्भ में स्वतंत्र भारत के संक्रमण काल की राजनीति और इतिहास को समझने में भी सहायता मिलेगी।
Weight | 400 kg |
---|
Reviews
There are no reviews yet.