VEDIC SANSKRITI ME GODHAN
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विश्व के सभी देशों की अपनी अपनी संस्कृति है। आर्यों का धर्म वैदिक । कहलाता है। आर्य या हिन्दू अपने धर्म का मूल वेदों में मानते हैं। वैदिक संस्कृति में गोधन इस पुस्तक में गायों को लेकर जो बहुत सी संभावनाएँ प्रत्येक क्षेत्र में हैं उनको ध्यान में रखकर कार्य किया जाएगा। इस विषय पर बहुत से शोधकार्य हो चुके हैं बहुत सी बातें प्रकाश में आ रही है जो अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, बहुत से शोध कार्य चल रहे हैं। विश्व में प्रत्येक देश देशी गाय पर रिसर्च कर रहा है, उसके महत्त्व को समझ रहा है किन्तु गो के अपने देश में ही कोई उसकी महत्ता को पहचान नहीं रहा कि वह क्या है, उसमें कितनी शक्ति है, उसके क्या गुण हैं।
इस पुस्तक के माध्यम से उस पर होने वाले अनुसंधान और उसके गुण दोषों को प्रस्तुत किया जाएगा। हमारे जीवन में उसका क्या मूल्य है? वह हमारे जीवन को क्या से क्या करने में सक्षम है। उसकी कमी होने पर हमारी संस्कृति पर क्या घातक प्रभाव पड़ रहें हैं। उसकी रक्षा न कर पाने की स्थिति में हम स्वयं की रक्षा नहीं कर सकेंगे। पृथ्वी पर जीवन नष्ट हो जाएगा। पर्यावरण पर उसका अत्यंत दुष्प्रभाव पड़ने लगा है। आए दिन आने वाले भूकंप इसका ठोस उदाहरण हैं।
प्रकृति अनियमित होने लगी है, हम इस बात को समझ नहीं पाते इस कारण हमें पता ही नहीं है कि इस सब का मुख्य कारण गोवंश का विनाश होना ही है। पुस्तक को निम्न विषयों के माध्यम से सात अध्यायों में बांटा गया है। जिसके पश्चात् उपसंहार और प्रासंगिक सुझाव होंगे और अंत में सन्दर्भ सूची को प्रस्तुत किया जाएगा। कुछ चित्रों का भी स्थान रहेगा उसकी सूची अंत में रखी जाएगी।
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